महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव में महायुति की प्रचंड जीत के बाद राज्य की राजनीति में सीएम को लेकर हलचल मची हुई थी। जोकि आज 4 दिसंबर को आधिकारिक घोषणा करते हुए देवेंद्र फडणवीस का नाम सुनिश्चित किया गया। इसके बाद भारतीय जनता पार्टी (भाजपा), शिवसेना (एकनाथ शिंदे गुट) और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी अजित पवार गुट) के नेताओं ने एक साथ राज्यपाल से मुलाकात कर सरकार बनाने का दावा पेश किया। देवेंद्र फडणवीस, एकनाथ शिंदे और अजित पवार तीनों नेता एक ही गाड़ी में राजभवन पहुंचे, जिससे गठबंधन में समन्वय का संकेत मिला.
कहानी महाराष्ट्र की राजनीति में बीजेपी के उगते हुए सूरज की
‘मेरा पानी उतरता देख, मेरे किनारे पर घर मत बसा लेना. मैं समंदर हूं, लौटकर वापस आऊंगा.’ साल 2019 में देवेंद्र फडणवीस ने यह लाइन कही थी. तब उद्धव ठाकरे ने पाला बदलकर देवेंद्र फडणवीस को सीएम की कुर्सी से दूर कर दिया था. वह सीएम बनने के काफी करीब थे. मगर उद्धव की शिवसेना ने एमवीए के साथ मिलकर अचानक खेल कर दिया और भाजपा को विपक्ष में बैठना पड़ा था. तभी देवेंद्र फडणवीस ने विधानसभा में कहा था- मैं समंदर हूं, लौटकर वापस आऊंगा. 2022 में भी जब महायुति सत्ता में लौटी तब भी देवेंद्र फडणवीस को डिप्टी सीएम पद से ही संतोष करना पड़ा था. देवेंद्र फडणवीस का सीएम से डिप्टी सीएम बनना यह डिमोशन था.
फडणवीस की अगुवाई में ही भाजपा का महाराष्ट्र में 2014 में वनवास खत्म हुआ. वह भाजपा के इकलौते ऐसे मुख्यमंत्री रहे हैं, जिन्होंने अपने कार्यकाल का पांच साल पूरा किया. देवेंद्र फडणवीस का सियासी सफर सीधे विधायक या सीएम पद से शुरू नहीं हुआ है.
वह काफी कम उम्र में एक्टिव पॉलिटिक्स में आ गए थे. वह अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के सक्रिय सदस्य रहे हैं. एबीवीपी के मेंबर रहते हुए पहली बार नगर निकाय में पार्षद बने थे. उसके ठीक 5 साल बाद नागपुर के मेयर बने थे. उनकी काबिलियत ही है कि उन्होंने मराठा आंदोलन को अच्छे से संभाला था.
5 दिसंबर को शपथ ग्रहण समारोह
राज्यपाल ने महायुति सरकार को 5 दिसंबर की शाम 5:30 बजे शपथ ग्रहण समारोह के लिए आमंत्रित किया है। मुंबई के आजाद मैदान में आयोजित इस समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित कई प्रमुख नेता शामिल होंगे।
राज्यपाल को सौंपा समर्थन पत्र
राज्यपाल को समर्थन पत्र सौंपने के बाद भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस ने कहा, “हमने राज्यपाल से मिलकर सरकार बनाने का दावा पेश किया है। एकनाथ शिंदे और अजित पवार का समर्थन पत्र सौंपने के लिए मैं उनका आभारी हूं। यह सरकार राज्य की प्रगति और विकास के लिए काम करेगी।”